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UPSC Success Story: 40 साल की उम्र, दो बेटियां, सुनने की परेशानी… फिर भी पास किया UPSC – जानिए Nisa Unnirajan की कहानी

Published On: July 29, 2025
Nisa Unnirajan UPSC Success Story
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भारत में UPSC परीक्षा को सबसे कठिन परीक्षाओं में गिना जाता है। इसमें सफलता पाने के लिए वर्षों की मेहनत, त्याग और निरंतरता चाहिए होती है। लेकिन क्या कोई महिला, जो दो बच्चों की मां हो, 40 साल की हो और शारीरिक रूप से भी चुनौतीपूर्ण स्थिति में हो – UPSC क्रैक कर सकती है?

हां, कर सकती है – और इसका सबसे सटीक उदाहरण हैं केरल की Nisa Unnirajan।

कौन हैं Nisa Unnirajan?

बिंदुजानकारी
नामनिसा उन्निराजन (Nisa Unnirajan)
उम्र40 वर्ष (2024)
राज्यकेरल
UPSC रैंकAIR 1000 (UPSC CSE 2024)
अटेम्प्टसातवां प्रयास
पारिवारिक स्थितिविवाहित, दो बेटियों की मां
पेशानौकरी (सरकारी/प्राइवेट, विवरण नहीं)
चुनौतीसुनने की समस्या (Hearing Impairment)
प्रेरणा स्रोतIAS रंजीत (Kottayam)

35 की उम्र में लिया UPSC का फैसला

जब ज़्यादातर लोग UPSC को छोड़ने का निर्णय लेते हैं, निसा ने 35 साल की उम्र में इसकी शुरुआत की। उनके सामने तीन बड़ी चुनौतियाँ थीं:

  • पारिवारिक जिम्मेदारियाँ (दो छोटी बेटियां)
  • फुल-टाइम नौकरी
  • शारीरिक समस्या (कम सुनाई देना)

लेकिन उन्होंने अपने दिन का ऐसा शेड्यूल बनाया कि हर जिम्मेदारी और पढ़ाई दोनों को बराबर समय दे सकें।

“मैं दिन में मां थी, कर्मचारी थी… और रात को एक छात्रा,” – निसा

मजबूत परिवार बना सहारा

निसा कहती हैं कि उनके पति अरुण, जो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, ने हर कदम पर उनका साथ दिया। उनके माता-पिता, जो अब सेवानिवृत्त हैं, ने बच्चों की देखभाल और घर के कामों में सहयोग किया। यही सहारा उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए जरूरी समय और मानसिक शक्ति दे सका।

Nisa Unnirajan
Nisa Unnirajan

सुनने की समस्या बनी प्रेरणा

निसा की hearing disability बचपन से ही थी। लेकिन उन्होंने इसे कभी बाधा नहीं बनने दिया। वे IAS Ranjit Kottayam से प्रेरित थीं, जो खुद भी इसी चुनौती के बावजूद UPSC में सफल हुए थे। यही सोच निसा को लगातार कोशिश करने की ताकत देती रही।

7वां प्रयास बना सौभाग्यशाली

पहले छह प्रयासों में नाकामी के बावजूद निसा ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा, तैयारी की रणनीति बदली और सातवें प्रयास में UPSC 2024 में AIR 1000 रैंक हासिल की।

Nisa Unnirajan की सफलता से क्या सीख मिलती है?

  • उम्र कोई सीमा नहीं है – 40 साल में UPSC पास करना कोई आम बात नहीं।
  • मां बनना कोई रुकावट नहीं है – दो बेटियों के साथ भी सफल तैयारी की जा सकती है।
  • शारीरिक चुनौती आपको रोक नहीं सकती – अगर इच्छाशक्ति हो, तो हर बाधा पार की जा सकती है।
  • सही समर्थन जरूरी है – परिवार और पति का साथ, सबसे बड़ा आधार होता है।

अंतिम विचार

Nisa Unnirajan की कहानी उन हजारों महिलाओं और युवाओं के लिए एक मिसाल है जो सोचते हैं कि अब देर हो चुकी है, या जिम्मेदारियों के चलते वे कुछ बड़ा नहीं कर सकते।

UPSC जैसी परीक्षा मेहनत, आत्म-विश्वास और सही मार्गदर्शन से ही जीती जाती है – और निसा इसका जीता-जागता उदाहरण हैं।

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