उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए mini nandini krishak samridhi yojana 2025-26 की शुरुआत की है। इस योजना के तहत 10 गायों की इकाई स्थापित करने पर सरकार की ओर से 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा।
मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना राज्य के पशुपालकों को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने और स्वदेशी नस्लों को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
आवेदन की तिथियां
- आवेदन शुरू होने की तिथि: 14 जुलाई 2025
- अंतिम तिथि: 13 अगस्त 2025
परियोजना लागत और अनुदान
mini nandini krishak samridhi yojana योजना के अंतर्गत 10 गायों (साहीवाल, गिर, थारपारकर नस्ल) पर आधारित इकाई की कुल परियोजना लागत 23.60 लाख रुपये निर्धारित की गई है। इस पर सरकार की ओर से 11.80 लाख रुपये तक का अनुदान दो चरणों में प्रदान किया जाएगा।
चरण | अनुदान राशि | शर्त |
---|---|---|
पहला चरण | 5.90 लाख रुपये | आधारभूत संरचना तैयार होने पर |
दूसरा चरण | 5.90 लाख रुपये | गायों की खरीद के बाद |
वित्तीय भागीदारी
- लाभार्थी अंश: 15 प्रतिशत
- बैंक ऋण: 35 प्रतिशत
- सरकारी अनुदान: 50 प्रतिशत
पात्रता की शर्तें
मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी को निम्नलिखित योग्यताओं को पूरा करना अनिवार्य होगा:
- अनुभव: गोपालन या महिष पालन में न्यूनतम तीन वर्ष का अनुभव होना चाहिए। यह अनुभव मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा प्रमाणित होना चाहिए।
- गायों की स्थिति:
- गायें प्रथम या द्वितीय ब्यात की होनी चाहिए।
- ब्यात (गर्भावस्था या प्रसव) को 45 दिन से अधिक न हुआ हो।
- गायों की खरीद:
- यथासंभव गायों का क्रय प्रदेश के बाहर के ब्रीडिंग ट्रैक्ट से किया जाना चाहिए।
- प्रत्येक गाय का ईयर टैग और बीमा अनिवार्य होगा।
- भूमि संबंधी शर्तें:
- आधारभूत संरचना के लिए न्यूनतम 0.20 एकड़ भूमि और चारा उत्पादन के लिए 0.80 एकड़ भूमि होनी चाहिए।
- यह भूमि स्वयं की, पैतृक, साझेदारी में, या कम से कम सात वर्ष की पंजीकृत लीज पर हो सकती है।
- भूमि जलभराव से मुक्त होनी चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया
- आवेदन संबंधित जिले के पशुपालन विभाग के माध्यम से किया जाएगा।
- आवेदन प्रक्रिया और पोर्टल की विस्तृत जानकारी जल्द ही विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी।
निष्कर्ष
mini nandini krishak samridhi yojana 2025-26 पशुपालकों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिससे वे सरकारी सहायता प्राप्त कर गौपालन इकाई शुरू कर सकते हैं। इस योजना से ना केवल किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि स्वदेशी नस्लों का संरक्षण और दुग्ध उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।
यदि आपके पास आवश्यक अनुभव और भूमि है, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं। आवेदन की अंतिम तिथि से पहले सभी दस्तावेजों को तैयार कर लें और संबंधित विभाग में संपर्क करें।